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उरई के मिनौरा में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत सहकारी संवाद का आयोजन

सहकारी संघ उरई द्वारा आयोजित 'सहकारी संवाद'
  • अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर ‘सहकारी संवाद’ का आयोजन।
  • रमाशंकर जायसवाल ने सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सशक्त माध्यम बताया।
  • अंजू प्रजापति ने महिलाओं के सशक्तिकरण में सहकारिता की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
  • सहकारी संगठनों को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक मजबूत करने की आवश्यकता पर बल।
  • सहकारी संगठनों के सदस्यों को सहकारिता वर्ष के महत्व से अवगत कराने का आह्वान।

उरई/लखनऊ, 18 जनवरी 2025: मिनौरा सहकारी संघ उरई द्वारा आयोजित ‘सहकारी संवाद’ कार्यक्रम में सहकारिता के महत्व और इसके वैश्विक योगदान पर व्यापक चर्चा की गई। इस अवसर पर सहकारिता को समाज और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण से विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सहकारी फेडरेशन के उपाध्यक्ष एवं राज्य मंत्री रमाशंकर जायसवाल और उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजू प्रजापति मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

सहकारिता से समृद्धि का सुनहरा अवसर

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रमाशंकर जायसवाल ने सहकारिता की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का यह अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने का सुनहरा अवसर है। सहकारिता के माध्यम से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सकता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक आत्मनिर्भर और समृद्ध समाज का निर्माण भी किया जा सकता है।” उन्होंने सहकारी आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और इसे ग्रामीण समुदायों के आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बताया।

महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रभावी साधन

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंजू प्रजापति ने सहकारिता को महिलाओं के सशक्तिकरण का एक प्रभावी साधन बताते हुए कहा, “सहकारिता केवल आर्थिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में लैंगिक समानता लाने का भी एक प्रभावी माध्यम है।” उन्होंने भारत में सहकारी आंदोलन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और इसे महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए आवश्यक बताया।

स्थानीय से वैश्विक सहकारिता

विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने सहकारी संगठनों को स्थानीय स्तर पर मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि वे वैश्विक सहकारी आंदोलन में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा, “सहकारिता न केवल आर्थिक विकास का माध्यम है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण का भी प्रमुख आधार है।” उन्होंने सहकारी संगठनों की भूमिका को स्थानीय और वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण बताते हुए इसे समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सहकारी संगठनों की रणनीतियों पर चर्चा

कार्यक्रम में सहकारिता को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए विशेष रणनीतियों पर चर्चा की गई। जिला सहकारी बैंक जालौन के महा प्रबंधक भानु प्रताप सिंह और निदेशक युद्धवीर सिंह कथरिया ने सहकारी संगठनों के सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के महत्व से अवगत कराने और इसे सामूहिक प्रयासों से सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने सहकारी संस्थाओं के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीतियों और कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया।

समाप्ति और आभार प्रदर्शन

मिनौरा सहकारी संघ के अध्यक्ष श्याम करण प्रजापति ने कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने के लिए भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “हम वैश्विक सहकारिता आंदोलन में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेंगे और सहकारिता के माध्यम से समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाएंगे।” कार्यक्रम का संचालन विनय पांचाल ने किया और इस अवसर पर जिले की विभिन्न सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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