
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन में शीर्ष स्थान पर पहुंचा यूपी
- यूपी बना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अग्रणी: पीएम एफएमई योजना में प्रथम स्थान, 13,500 उद्यमियों को 5-10 लाख रुपये अनुदान।
- आलू प्रसंस्करण में उन्नति: बिजनौर में 2 लाख मीट्रिक टन क्षमता की आलू फ्लैक्स इकाई स्थापित, निर्यात को बढ़ावा।
- अनुदान में अग्रणी भूमिका: यूपी में 98% वितरण, राष्ट्रीय औसत 50%, किसानों और उद्यमियों को मिल रहा लाभ।
- नीतियों का लाभ: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत 230 परियोजनाओं को 1000 करोड़ से अधिक का निवेश।
- अंतरराष्ट्रीय आलू एक्सपो की तैयारी: फरवरी 2025 में लखनऊ में आलू आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक्सपो का आयोजन।
लखनऊ, 14 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत उद्यमियों को इकाइयां स्थापित करने के लिए अनुदान और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं ताकि अधिक से अधिक उद्यमी इस क्षेत्र में निवेश कर सकें।
खाद्य प्रसंस्करण में उल्लेखनीय प्रगति
अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री बी.एल. मीणा की अध्यक्षता में आयोजित अप्रेजल समिति की बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम एफएमई) के तहत उत्तर प्रदेश अब तक 13,500 उद्यमियों को 5-10 लाख रुपये अनुदान स्वीकृत कर चुका है। योजना के तहत प्रदेश में 230 उद्यमियों को 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए “लेटर ऑफ कम्फर्ट” जारी किए गए हैं। इससे 1 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और लगभग 1 लाख किसानों की उपज को प्रसंस्कृत किया जा रहा है।
आलू प्रसंस्करण में अग्रणी भूमिका
उत्तर प्रदेश आलू उत्पादन में देश में शीर्ष स्थान पर है, जो कुल उत्पादन का 35% है। बैठक में आलू के निर्यात और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक चर्चा की गई। एग्रीस्टो कंपनी ने बिजनौर में 2 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाली आलू फ्लैक्स इकाई स्थापित की है। नीदरलैंड की प्रतिष्ठित कंपनी “किरैम्को” और मेरठ के “सुरेंद्र फूड्स” के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत 2025 से आलू प्रसंस्करण शुरू होगा।
नीति के सकारात्मक परिणाम
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत 98% वितरण हुआ है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 50% है। इस सफलता के चलते उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक अनुदान राशि (10 करोड़ रुपये तक) प्रदान करने वाला राज्य बन गया है।
आलू एक्सपो और भविष्य की योजनाएं
प्रदेश में आलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2025 में लखनऊ में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आलू एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। यह एक्सपो राज्य के किसानों और उद्यमियों के लिए नई संभावनाएं और बाजार उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगा।