
- उत्तर प्रदेश लघु सिंचाई विभाग में 18 सहायक अभियंताओं का पारदर्शी ढंग से पदस्थापन
- ज्येष्ठता क्रम में अभियंताओं द्वारा चयनित ऐच्छिक विकल्पों के आधार पर किया गया स्थान निर्धारण
- जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में हुआ ऐतिहासिक और पारदर्शी आयोजन
- नवप्रोन्नत अभियंताओं ने पारदर्शी प्रक्रिया पर जताया संतोष
- भूजल स्तर सुधार, जल संचयन और कृषकों को लाभ पहुंचाने पर विशेष जोर
- विभागीय योजनाओं को पारदर्शिता व ईमानदारी से लागू करने का निर्देश
- प्रमुख सचिव, सचिव, मुख्य अभियंता सहित वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम में रहे उपस्थित

लखनऊ, 08 अप्रैल 2025 | True News UP ब्यूरो: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन और पारदर्शिता की नीति को आगे बढ़ाते हुए जलशक्ति विभाग द्वारा एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। लघु सिंचाई विभाग के अंतर्गत नवप्रोन्नत 18 सहायक अभियंताओं (द्वितीय श्रेणी) का पदस्थापन पूरी तरह पारदर्शी एवं ऐच्छिक विकल्प चयन प्रणाली के माध्यम से संपन्न हुआ। यह आयोजन उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) सभागार, लखनऊ में जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
पारदर्शी प्रक्रिया में ज्येष्ठता व ऐच्छिक विकल्प को दी गई वरीयता
इस प्रक्रिया में अभियंताओं ने ज्येष्ठता क्रम में अपनी पसंद के स्थान (पोस्टिंग) का चयन किया, जिसे विभाग द्वारा उसी क्रम में मान्यता दी गई। इस व्यवस्था के तहत न केवल योग्यता और वरिष्ठता का सम्मान किया गया, बल्कि पूरी प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न किया गया।
नवप्रोन्नत अभियंताओं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था से न केवल कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है, बल्कि विभागीय पारदर्शिता में भी विश्वास मजबूत होता है।
जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का संदेश: “कृषकों तक पहुंचे योजनाओं का सीधा लाभ”
कार्यक्रम के दौरान जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सभी नवप्रोन्नत अभियंताओं को बधाई देते हुए कहा:
“आप सभी को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से मिले नए दायित्वों पर कार्य करते हुए पूर्ण ईमानदारी, पारदर्शिता और समर्पण दिखाना चाहिए। विभागीय योजनाओं का सीधा लाभ प्रदेश के कृषकों तक पहुंचे, यही हमारी प्राथमिकता है।”
उन्होंने विशेष रूप से भूजल स्तर में सुधार, वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण, और लघु सिंचाई योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए कार्य करने पर बल दिया। साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
प्रमुख अधिकारी भी रहे उपस्थित
इस अवसर पर विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से:
- अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग
- डॉ. राजशेखर, सचिव, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग
- देवेन्द्र कुमार, मुख्य अभियंता, लघु सिंचाई विभाग
- अन्य संबंधित अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश सरकार की “पारदर्शिता और सुशासन” की नीति को और मजबूत करता यह आयोजन, न केवल प्रशासनिक दृष्टि से एक आदर्श है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि सरकारी तंत्र अब अधिक जवाबदेह, संवेदनशील और पारदर्शी हो चुका है। जलशक्ति विभाग की यह पहल निश्चित रूप से युवाओं में विश्वास, और कृषकों के बीच भरोसा बढ़ाने वाला कदम है।
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