
- महाकुंभ में ग्राम्य विकास विभाग की व्यापक भागीदारी और स्टॉल लगाने का निर्देश।
- ग्राम चौपालों को अधिक प्रभावी बनाने और योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने पर बल।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण शत-प्रतिशत एफडीआर तकनीक पर आधारित होगा।
- विभाग के सभी खाली पदों को भरने और भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों के अनुपालन का निर्देश।
- महिला सशक्तीकरण और सखियों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए ठोस प्रयास।

लखनऊ, 10 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने 7-कालिदास मार्ग स्थित अपने कैंप कार्यालय में ग्राम्य विकास विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में भाग लिया। बैठक में विभागीय योजनाओं, बजट के उपयोग और आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विकास कार्यों की गति को और तेज किया जाए और विभागीय बजट का समय से और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो।
बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास कार्य केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर दिखने चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को योजनाओं की समीक्षा और अनुश्रवण को नियमित रूप से करने के लिए कहा। साथ ही, ग्राम चौपालों को अधिक प्रभावी बनाने और विभागीय योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने पर जोर दिया।
महाकुंभ 2025: व्यापक तैयारियों पर जोर
महाकुंभ 2025 को लेकर बैठक में विशेष चर्चा हुई। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ में ग्रामीण विकास विभाग की सभी शाखाओं के स्टॉल लगाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि महिला समूहों की दीदियों के उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए हर जिले से स्टॉल और प्रदर्शनियां आयोजित की जाएं।
साथ ही, महाकुंभ में सोलर एनर्जी आधारित टीएचआर प्लांट का मॉडल प्रदर्शनी का हिस्सा बनाने के निर्देश दिए गए। यह भी सुनिश्चित किया गया कि समूहों की उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को न केवल प्रदर्शित किया जाए, बल्कि उनकी बिक्री के लिए पर्याप्त प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराया जाए। महाकुंभ में सरस मेलों के आयोजन का निर्देश दिया गया ताकि महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिल सके।
ग्राम चौपालों की प्रभावशीलता बढ़ाने पर जोर
श्री मौर्य ने ग्राम चौपालों को अधिक प्रभावशाली और सफल बनाने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम चौपालों को भव्य और उद्देश्यपूर्ण बनाते हुए उन्हें सामाजिक ऑडिट और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाए। इससे योजनाओं की प्रगति की सीधी जानकारी ग्रामीण जनता तक पहुंचाई जा सकेगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि चौपालों की गम्भीरता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। चौपालों के माध्यम से ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं का प्रचार-प्रसार और ग्रामीणों तक उनकी जानकारी पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत एफडीआर तकनीक
बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के अंतर्गत सड़कों के निर्माण पर भी चर्चा की गई। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सड़कों का निर्माण शत-प्रतिशत एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक के अनुसार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से बनी सड़कों की गुणवत्ता में सुधार होगा और वे अधिक टिकाऊ होंगी।
खाली पदों की भर्ती और मानदेय का समय पर भुगतान
श्री मौर्य ने कहा कि विभाग में मैनपावर की कमी किसी भी स्थिति में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग में सभी खाली पदों को तत्काल भरने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। साथ ही, भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए।
इसके अतिरिक्त, सभी प्रकार के कार्मिकों का मानदेय और अन्य देय राशि का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जहां-जहां बीएमएम (ब्लॉक मिशन मैनेजर) तैनात नहीं हैं, वहां उनके दायित्व अस्थायी रूप से एडीओ (आईएसबी) को सौंपे जाएं।
महिला सशक्तीकरण और सखियों की आर्थिक स्थिति पर ध्यान
बैठक में महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया गया। उप मुख्यमंत्री ने बीसी सखी, कृषि सखी, विद्युत सखी, और ड्रोन दीदियों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को अन्य विभागीय योजनाओं और एमएसएमई के साथ जोड़ने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आजीविका मिशन की सखियों को विभिन्न सेवाओं में शामिल कर उन्हें और अधिक सशक्त बनाया जाए। बीमा सखी और सूर्य सखी जैसे नए कॉन्सेप्ट को विकसित करने और उनकी सेवाओं का विस्तार करने पर भी जोर दिया गया।
वेबसाइट और सूचना अद्यतन रखने के निर्देश
श्री मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग की वेबसाइट को हमेशा अद्यतन रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं की जानकारी, उपलब्धियां और विकास कार्यों की प्रगति नियमित रूप से ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
गुणवत्ता और विपणन में सुधार के प्रयास
बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि समूहों के उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग और विपणन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उत्पादों की आपूर्ति की प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और तेज करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, टीएचआर प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और उनके संचालन में सुधार के प्रयास करने को कहा गया।
बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री हिमांशु कुमार, आयुक्त जीएस प्रियदर्शी, सचिव श्री सुखलाल भारती, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती दीपा रंजन, यूपीआरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री अखंड प्रताप सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।