
- 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस राजीव कृष्ण को उत्तर प्रदेश का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है।
- वे दो बार राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक सहित कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर चुके एक अत्यंत सम्मानित अधिकारी हैं।
- लखनऊ, नोएडा, आगरा और BSF जैसी अहम जगहों पर जिम्मेदारियां निभा चुके हैं और उनका फील्ड अनुभव बेहद मजबूत रहा है।
- उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस की 60,000 सिपाहियों की ऐतिहासिक भर्ती पारदर्शिता और निष्पक्षता की मिसाल बनी थी।

लखनऊ, 31 मई 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में एक और नया अध्याय उस समय जुड़ गया, जब वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण ने प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में शनिवार शाम पुलिस मुख्यालय, लखनऊ में विधिवत रूप से पदभार ग्रहण किया। प्रशासनिक सेवा में अपनी ईमानदारी, दूरदर्शिता और निष्पक्ष कार्यशैली के लिए पहचाने जाने वाले श्री कृष्ण की यह नियुक्ति न सिर्फ एक पद परिवर्तन है, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था में नई ऊर्जा, नई सोच और भरोसेमंद नेतृत्व के आगमन का संकेत भी है।
कौन हैं आईपीएस राजीव कृष्ण?

राजीव कृष्ण, 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी, वर्तमान में डीजी विजिलेंस और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन के रूप में कार्यरत थे। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद और अनुभवी अधिकारियों में गिना जाता है। उनका जन्म 26 जून 1969 को नोएडा में हुआ था और उन्होंने IIT रुड़की से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। देश के सबसे प्रतिभाशाली आईपीएस अधिकारियों में शामिल श्री कृष्ण ने कड़ी मेहनत, स्पष्ट सोच और निष्पक्ष प्रशासनिक रुख के जरिए अपनी अलग पहचान बनाई है।
सेवा का स्वर्णिम रिकॉर्ड
राजीव कृष्ण ने अपने अब तक के तीन दशक के पुलिस सेवाकाल में जिन जिम्मेदारियों का निर्वहन किया, वे उन्हें विशिष्ट बनाते हैं:
- एसएसपी, लखनऊ और नोएडा जैसे संवेदनशील जिलों में कुशल नेतृत्व
- डीआईजी व आईजी, लखनऊ रेंज/ज़ोन के रूप में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य
- एडीजी, आगरा ज़ोन के तौर पर फील्ड में सख्त और सक्रिय उपस्थिति
- बीएसएफ में IG ऑपरेशन्स, जहां उन्होंने भारत-पाक सीमा पर बाड़बंदी जैसे सामरिक महत्त्व के अभियान में निर्णायक भूमिका निभाई
सबसे पारदर्शी भर्ती अभियान के सूत्रधार
राजीव कृष्ण की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक है — उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,000 से अधिक कांस्टेबल्स की पारदर्शी भर्ती। इस अभूतपूर्व अभियान को न सिर्फ मीडिया और प्रशासन से सराहना मिली, बल्कि यह निष्पक्ष चयन प्रणाली का राष्ट्रीय मानक बन गया। उन्होंने यह दिखाया कि सरकारी भर्तियां भी पूर्ण पारदर्शिता और विवादरहित ढंग से की जा सकती हैं।
निष्पक्षता, सक्रियता और कठोरता का संगम
राजीव कृष्ण की छवि एक सख्त लेकिन संवेदनशील अफसर की रही है। वे न सिर्फ कागज़ों पर योजनाएं बनाने वाले अधिकारी हैं, बल्कि मैदान में उतरकर अमल करने वाले प्रशासक हैं। वर्ष 2004 में आगरा के एसएसपी रहते हुए उन्होंने बीहड़ों में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर अपराधियों की कमर तोड़ दी थी। यही नहीं, लखनऊ, नोएडा जैसे शहरी क्षेत्रों में भी उन्होंने कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में अपनी रणनीतिक समझ और फील्ड अनुभव का परिचय दिया।
उत्तर प्रदेश को पिछले तीन वर्षों में लगातार कार्यवाहक डीजीपी
राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में “उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक चयन एवं नियुक्ति नियमावली” को मंजूरी दी थी, जिसमें डीजीपी चयन के लिए एक समिति के गठन का प्रावधान था। लेकिन समिति का गठन अब तक नहीं हो सका, जिसके चलते पिछले तीन वर्षों से प्रदेश को पूर्णकालिक डीजीपी नहीं मिल सका है, मई 2022 से अब तक कोई भी पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्त नहीं हुआ है। नीचे देखें अब तक के कार्यवाहक डीजीपी की सूची:
नाम | बैच | कार्यकाल |
---|---|---|
डीएस चौहान | 1988 | 13 मई 2022 – 31 मार्च 2023 |
डॉ. राजकुमार विश्वकर्मा | 1988 | 1 अप्रैल 2023 – 31 मई 2023 |
विजय कुमार | 1988 | 1 जून 2023 – 31 जनवरी 2024 |
प्रशांत कुमार | 1990 | 1 फरवरी 2024 – 31 मई 2025 |
राजीव कृष्ण | 1991 | 1 जून 2025 – वर्तमान |
ऐसे में अब वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर राजीव कृष्ण की नियुक्ति यह दर्शाती है कि राज्य सरकार अब सिर्फ और सिर्फ ऐसे तेज-तर्रार छवि वाले अधिकारियों को प्राथमिकता दे रही है, जो प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से मजबूत बनाए रखने में सक्षम हों और जिन पर प्रशासनिक दृष्टि से भरोसा किया जा सकता है और जो मौजूदा चुनौतियों से निपटने में भी पूरी तरह सक्षम हैं।
जनता और शासन को उनसे क्या अपेक्षाएं?
- अपराध नियंत्रण के लिए नये सिरे से रणनीति
- पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की संस्कृति को प्रोत्साहन
- साइबर क्राइम और महिला सुरक्षा जैसे अहम विषयों पर विशेष फोकस
- जनता और पुलिस के बीच विश्वास की नई बुनियाद
राजीव कृष्ण की नियुक्ति न केवल उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक नए युग की शुरुआत है, बल्कि यह संकेत भी है कि शासन अब उन अधिकारियों को आगे ला रहा है, जो कर्म से नेतृत्व करते हैं, शब्दों से नहीं। वे सिर्फ एक पुलिस प्रमुख नहीं हैं, बल्कि प्रेरणादायक नेतृत्व, नैतिक मूल्यों और प्रशासनिक दक्षता के प्रतीक हैं।
उत्तर प्रदेश अब एक ऐसे DGP के नेतृत्व में है जो न केवल प्रशासनिक रूप से मज़बूत हैं, बल्कि जिनके साथ जनता की उम्मीदें, विश्वास और सुरक्षा की भावना जुड़ी है। आगामी समय में यह देखना रोचक होगा कि श्री कृष्ण किस तरह से पुलिस विभाग को नई दिशा और गति प्रदान करते हैं।
रिपोर्ट: शिवसागर सिंह चौहान, True News Up | सम्पर्क: info@truenewsup.com | राज्य ब्यूरो