
- सरोजनीनगर के सभी परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प होगा, जर्जर विद्यालयों का होगा पुनर्निर्माण
- विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने विधानसभा में उठाया अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार का मुद्दा
- 42 विद्यालयों में फर्नीचर की उपलब्धता, 7 विद्यालयों का पुनर्निर्माण पूर्ण, 24 अन्य का आकलन जारी
- स्मार्ट क्लास, डिजिटल पैनल और STEM लैब जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार
- अस्थाई वन कर्मियों के वेतन वृद्धि और स्थायीकरण की मांग, सरकार ने विचार करने का आश्वासन दिया
लखनऊ, 28 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह लगातार प्रयासरत हैं। विधानसभा में 24 फरवरी 2025 को उन्होंने नियम 51 के अंतर्गत एक अविलंबनीय लोक महत्व की सूचना प्रस्तुत कर सरकार से मांग की कि सरोजनीनगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया जाए और ‘कायाकल्प योजना’ के तहत स्कूलों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया जाए।
इस मांग पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने शुक्रवार को विधान सभा में वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरोजनीनगर के सभी बेसिक स्कूलों का कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के 42 विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराया गया है, जबकि बाकी विद्यालयों में पहले से ही फर्नीचर मौजूद है।
जर्जर भवनों के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया तेज
शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि सरोजनीनगर क्षेत्र के 7 प्राथमिक विद्यालयों के जर्जर भवनों को ध्वस्त कर नया निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं, 24 अन्य विद्यालयों के भवनों के ध्वस्तीकरण और पुनर्निर्माण के लिए तकनीकी मूल्यांकन समिति का गठन किया गया है, जिससे जल्द ही इन स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
डिजिटल शिक्षा और स्मार्ट क्लासरूम का विस्तार
डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल पर शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल रूप से उन्नत करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा के तहत स्मार्ट क्लास, इंटरेक्टिव पैनल, STEM लैब और मल्टी-प्ले स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
बता दें कि डॉ. राजेश्वर सिंह ने पहले ही चार परिषदीय विद्यालयों – पहाड़पुर, लतीफनगर, अमौसी और खासरवारा को गोद लेकर इन स्कूलों को डिजिटल पैनल, फ्यूचर क्लासरूम और STEM लैब जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस कर दिया है। इसके अलावा, क्षेत्र के 61 विद्यालयों में झूले भी लगवाए गए हैं, जिससे बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ मनोरंजन और व्यायाम का भी अवसर मिलेगा।
अस्थायी वन कर्मियों को स्थायी करने और सामाजिक सुरक्षा देने की मांग
शिक्षा के अलावा सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने वन विभाग में नियत वेतन पर काम कर रहे 2112 अस्थायी कर्मियों के स्थायीकरण और उनके वेतन वृद्धि की मांग भी विधान सभा में उठाई।
21 फरवरी 2025 को नियम 51 के तहत प्रस्तुत सूचना में उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इन वन कर्मियों को उचित वेतन के साथ सामाजिक सुरक्षा कवर प्रदान किया जाए। इस पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने विधान सभा में जवाब देते हुए कहा कि वन कर्मियों को सुरक्षा कवर देने और उन्हें समायोजित करने के लिए सरकार सकारात्मक कदम उठाएगी।
सरोजनीनगर में शिक्षा और विकास को मिलेगी नई दिशा
डॉ. राजेश्वर सिंह की यह पहल सरोजनीनगर में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उनकी कोशिशों से परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को बेहतर पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास, इंटरेक्टिव पैनल, फर्नीचर और अन्य बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही, जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण कराकर बच्चों को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में शिक्षा दी जा सकेगी।
इसके अलावा, वन विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने और उनके वेतन में वृद्धि की मांग भी सरकार तक पहुंच गई है, जिससे हजारों कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
सरोजनीनगर में शिक्षा और विकास के इस नए युग की शुरुआत को लेकर क्षेत्र के लोग भी काफी उत्साहित हैं। यह बदलाव आने वाले समय में प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हो सकता है।