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अगर आप ऋषिकेश की आध्यात्मिक यात्रा पर हैं, तो इन खास स्थानों की यात्रा जरूर करें, वरना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी

अगर आप भी दिल्ली में रहते हैं और कही धार्मिक और आध्यात्मिक जगह पर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको ऋषिकेश जाना चाहिए। यह दिल्ली के करीबी पर्यटन स्थलों में से एक है। ऋषिकेश योग और आध्यात्म की नगरी है और यहां का एडवेंचर भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। खास बात यह है कि आप यहां पर किसी भी समय घूमने के लिए जा सकते हैं। ऐसे में आप इस वीकेंड ऋषिकेश को एक्सप्लोर कर सकते हैं और इस दौरान आपको ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ेगा। वहीं अगर आप ऋषिकेश घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको यहां की पांच खास जगहों को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए।

त्रिवेणी घाट 

ऋषिकेश जाने के दौरान कुछ समय त्रिवेणी घाट पर जरूर बिताना चाहिए। यहां पर तीन नदियों का संगम होता है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम है। हिंदू पौराणिक कथाओं में यह स्थान सबसे पवित्र माना जाता है। इस घाट पर सुबह, दोपहर और शाम के समय तीन बार गंगा आरती होती है। ऐसे में आपको शाम की गंगा आरती में जरूर शामिल होना चाहिए।

बकेश्वर मंदिर

ऋषिकेश का त्र्यंबकेश्वर मंदिर फेमस लक्ष्मण झूला के पार स्थित है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर की स्थापना श्री श्री 108 भ्रमभीम स्वामी कैलाशानंद ने की थी। यह मंदिर 13 मंजिला और यह भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 13 मंजिल मंदिर के नाम से जाना जाता है।

वशिष्ठ गुफा आश्रम

ऋषिकेश से करीब 25 किमी दूर प्राचीन आश्रम वशिष्ठ गुफा है। वशिष्ठ गुफा शांति और ध्यान के लिए अच्छा स्थान है। बताया जाता है कि इस गुफा में स्वामी पुरुषोत्तमानंद ने तप किया था। यहां पर आने वाले पर्यटकों को इस गुफा को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए।

जानकी सेतु

आध्यात्मिक शहर ऋषिकेश में मौजूद जानकी सेतु की खूबसूरती पर्यटकों का मन मोह सकती है। दरअसल, जी 20 बैठक के दौरान इस स्थान को बहुत सुंदर तरीके से सजाया गया था। सेतु और आसपास की दीवारों पर रंग-बिरंगी तस्वीरें जानकी सेतु पुल की सुंदरता में चार चांद लगाती है। वहीं यह फोटोशूट के लिए भी बेहतरीन जगह है। ऋषिकेश में योग पार्क और प्रियदर्शनी पार्क भी बना हुआ है।

बीटल्स आश्रम

बता दें कि साल 1961 में महर्षि महेश योगी द्वारा ऋषिकेश में योग और ध्यान की शिक्षा के लिए एक आश्रम का निर्माण कराया गया था। वहीं 60 के दशक में फेमस बीटल्स बैंड ध्यान की खोज में इस आश्रम पहुंचे थे। तब से यह आश्रम बीटल्स आश्रम के नाम से जाना जाने लगा। इस आश्रम में बीटल्स बैंड के सदस्य आकर रुके थे।

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