
- डाॅ. राजेश्वर सिंह ने कहा: महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान से सपा प्रमुख हतप्रभ, हिंदुओं को तोड़ने की साजिश नाकाम।
- अखिलेश यादव भाजपा पर जातीय राजनीति का आरोप लगाते हैं, जबकि खुद तुष्टिकरण और विभाजनकारी राजनीति के जनक हैं।
- समाजवादी पार्टी ने आतंकियों के मुकदमे वापस लिए, रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं, अब भाजपा को नसीहत देने का हक नहीं।
- मोदी सरकार ने नोटबंदी और GST से माफियाओं, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार की कमर तोड़ी, सपा राज में सिर्फ लूट और अराजकता थी।
- अखिलेश यादव को सपा की दुर्गति की चिंता, विधानसभा चुनाव में पार्टी 2-4 सीटों तक सिमट जाएगी।

लखनऊ, 17 मार्च 2025: सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार किया। भाजपा विधायक ने सपा अध्यक्ष द्वारा भाजपा पर की गई टिप्पणियों का जवाब देते हुए लिखा—

“लाखों कोशिशों के बावजूद आप लोगों को महाकुंभ आने से रोक नहीं पाए। 66 करोड़ श्रद्धालुओं के पावन स्नान से आप हतप्रभ हैं और अब समझ नहीं पा रहे कि हिन्दुओं को कैसे तोड़ें!”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा भाजपा पर नकारात्मक राजनीति करने के आरोप पर जबाब देते हुए सरोजनीनगर विधायक ने लिखा कि, “भाजपा कोई जातीय गठजोड़ नहीं, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की राजनीति करती है! भाजपा की विचारधारा पर देश की जनता ने लगातार 3 लोकसभा चुनाव, उप्र में लगातार 2 विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में प्रचंड विश्वास जताया है, जबकि सपा सिर्फ विभाजन और तुष्टीकरण की राजनीति करती रह गई।”

भाजपा सबका साथ, सबका विकास की राजनीति करती है
अखिलेश यादव द्वारा भाजपा पर “नकारात्मक राजनीति” करने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. सिंह ने कहा—
“भाजपा कोई जातीय गठजोड़ नहीं, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की राजनीति करती है। जनता ने भाजपा पर लगातार तीन लोकसभा चुनावों, यूपी में दो विधानसभा चुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों में भारी विश्वास जताया है। जबकि सपा सिर्फ विभाजन और तुष्टीकरण की राजनीति तक ही सीमित रह गई है।”
उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए आगे लिखा—
“कश्मीरी पंडितों के समर्थन में समाजवादी पार्टी ने कभी आवाज़ नहीं उठाई, बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ अमानवीयता भी इन्हें नहीं दिखी। लेकिन अब ये एंग्लो-इंडियन समुदाय की चिंता जता रहे हैं, आप सामाजिक दूरियों की बातें कर रहे हैं?”
सपा सरकार में बिचौलियों का राज, भाजपा ने किसानों को सशक्त बनाया
डॉ. राजेश्वर सिंह ने अखिलेश यादव के आरोपों का बिंदुवार जवाब देते हुए आगे लिखा—
“मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में नोट बंदी से काले धन, माफिया, नक्सलवाद की कमर टूटी, जिससे देश सुरक्षित हुआ। GST ने ‘One Nation, One Tax’ की अवधारणा को साकार कर व्यापार को पारदर्शी बनाया। किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं से किसानों को मजबूती मिली, जबकि सपा राज में बिचौलियों का बोलबाला था, खाद की जगह किसानों को पुलिस की लाठी मिलती थी, आप भूल गए लेकिन जनता नहीं भूली है।””
वक्फ अधिनियम तुष्टिकरण की राजनीति का काला अध्याय, भूमाफियाओं को मिला सपा का संरक्षण
भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि—
“वक्फ अधिनियम, 1995 तुष्टिकरण की राजनीति का काला अध्याय है, जिसके तहत भू-माफियाओं को समाजवादी पार्टी का संरक्षण मिला। लेकिन मोदी सरकार इसे रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने आगे कहा—
“रामभक्तों पर गोलियां चलवाना, माफियाओं को संरक्षण देना, दंगाइयों को प्रोत्साहित करना और आतंकियों के मुकदमे वापस लेना – यही समाजवादी पार्टी की पहचान रही है।”
“सपा प्रमुख उत्तर प्रदेश की राजनीति से खत्म हो चुके हैं”
डॉ. सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव अब केवल दिल्ली की राजनीति में ही थोड़ा बहुत सक्रिय हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें नकार चुकी है।
साथ ही उन्होंने लिखा कि “सपा प्रमुख जी, आपकी असली चिंता भाजपा नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का 1-2 सीटों पर सिमट जाना है। लेकिन जनता अब तुष्टिकरण और विभाजन की राजनीति को स्वीकार नहीं करेगी!”
उन्होंने यह भी लिखा कि—
“भाजपा राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन की राजनीति करती रहेगी, जबकि सपा तुष्टिकरण के कारण लगातार कमजोर होती रहेगी।”
विधायक डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने अपनी बात समाप्त करते हुए लिखा- “असल में, सपा प्रमुख की चिंता भाजपा नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में स्वयं के 2-4 सीटों तक सिमटने का डर है। लेकिन जनता सब जानती है, तुष्टीकरण और विभाजन की राजनीति अब नहीं चलेगी।”